Share this
ग्राम पंचायत रमुवापुर में बिभिन्न फर्मों के नाम पर निकाली गई लाखों की धनराशि का हुआ आपस में बंदर बांट
(युगाधार समाचार)
सीतापुर – मिश्रित ब्लाक की ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों में आवंटित एवं अवमुक्त सरकारी धनराशि में लूट किए जाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है ।
वहीं जिम्मेदार कमीशन खोरी के चक्कर में कार्यवाही करने के बजाय पूरी तरह अपनी आंखें बंद किए हुए हैं । जनपद के अन्य ब्लाकों में कागजी विकास कार्यों को लेकर लूट करने वाले ग्राम प्रधानों और पंचायत सचिवों पर जहां निलंबन तक की कार्यवाहियां चल रही हैं ।
वहीं मिश्रित ब्लाक की ग्राम पंचायतों के विकास कार्यों में लूट करने वाले प्रधानों और सचिवों पर कार्यवाही का न होना समूचे जिला प्रशासन पर प्रश्न चिन्ह बन गया है । और यहां की आम जनता का प्रशासन से पूरी तरह से विश्वास उठता नजर आ रहा है । बताते चलें मिश्रित ब्लाक की ग्राम पंचायत रमुवापुर में मैटेरियल आफ सप्लाई के नाम पर बीते 4 दिसंबर को बालाजी पेंट्स एंड सेनिटरी हाउस के खाते में 13400 फिर इसी मद में 18500 रुपए का भुगतान किया गया है ।
इसी ग्राम पंचायत में बीते नवंबर मांह में ही सप्लाई आफ मैटेरियल के नाम पर कृष्णा ट्रेडर्स के खाते में 35500 रुपए इसी मांह उक्त मद में ही सिद्धार्थ इंटरप्राइजेज के खाते में 92269 रुपए फिर इसी मद में पुनः सिद्धार्थ इंटरप्राइजेज के खाते में 1 लाख 74241 रुपए इसी मांह किसी सुनील कुमार के खाते में 9000 रुपए का भुगतान किया गया है ।
इतना ही नहीं बीते अक्टूबर मांह में कार्य का नाम प्रदर्शन न करके कोड वर्ड की भाषा का उपयोग करते हुए अन्नपूर्णा ट्रेडर्स के खाते में 47028 रुपए फिर कोड वर्ड पर ही 36000 दूसरा भुगतान फिर कोड वर्ड पर ही 49000 का तीसरा भुगतान फिर कोड वर्ड पर ही अन्नपूर्णा ट्रेडर्स के खाते में 42000 का चौथा भुगतान फिर इसी ट्रेडर्स के खाते में 49000 का पांचवां भुगतान फिर इसी ट्रेडर्स के खाते में 52390 का छठा भुगतान किया गया है । मजेदार बात तो यह है । कि टेंडर भुगतान के नाम पर किसी रवींद्र नामक व्यक्ति के निजी खाते में 10000 रुपए का भी भुगतान किया गया है ।
इसी अक्टूबर मांह के दौरान सप्लाई आफ मैटेरियल के नाम पर हर्षिता पांडेय पंचायत सहायक के खाते में 1500 रुपए फिर सप्लाई आफ मैटेरियल के नाम पर ही सालासर इंटरप्राइजेज के खाते में 24000 रुपए , फिर इसी इंटरप्राइजेज के खाते में 470 19 रुपए फिर अक्टूबर मांह में ही प्रशांत ट्रेडर्स के खाते में सप्लाई आफ मैटेरियल के नाम पर 54028 रुपए इसी अक्टूबर मांह में ही प्रतिपल संवाद अखबार के नाम पर टेंडर भुगतान का 4200 फिर इसी मांह में प्रशांत ट्रेडर्स के खाते में 57125 का भुगतान करके करके नौ दो ग्यारह कर दिए गए हैं । गौरतलब हो कि सप्लाई आफ मैटेरियल के नाम पर उपरोक्त ट्रेडर्सों के खातों पर कई लाख रुपयों की सरकारी धनराशि का भुगतान तो किया गया है । लेकिन इन ट्रेडर्शों ने किस मैटीरियल की सप्लाई की है ।
इस बात का कोई उल्लेख भुगतान प्रपत्र में नही किया गया है । मांमले में जिला प्रशासन को गंभीरता से जांच कराकर कार्यवाही करने की आवश्यकता है । ताकि जिससे विकास मद की सरकारी धनराशि पर डाका डालने वालों के चेहरे बेनकाब होकर शासन प्रशासन और जनता के सामने आ सकें ।