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यूपी निकाय चुनाव हेतु पिछड़ों के आरक्षण को लेकर आयोग ने मुख्यमंत्री को सौंपी रिपोर्ट
“सीटों के आरक्षण में हो सकता है बड़ा उलट-फेर”
(युगाधार समाचार )
लखनऊ -निकाय चुनाव में पिछड़ों का आरक्षण तय करने के लिए गठित उप्र राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग ने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को रिपोर्ट सौंप दी। अब इस रिपोर्ट को शुक्रवार को होने वाली कैबिनेट में मंजूरी देने की तैयारी है।
इसके बाद रिपोर्ट के आधार पर निकाय चुनाव में पिछड़ों के लिए सीट का आरक्षण नये सिरे से तय किया जाएगा।
आयोग के अध्यक्ष राम औतार सिंह ने इसकी पुष्टि कर दी है। इसी के साथ निकाय चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ गई है।
बता दें कि निकाय चुनाव के लिए नगर विकास विभाग द्वारा जारी आरक्षण सूची आपत्ति जताते हुए तमाम लोगों ने कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस आधार पर हाईकोर्ट ने बिना आरक्षण के ही चुनाव कराने के निर्देश दिया था। इस फैसले के खिलाफ सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी।
सरकार का पक्ष सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आयोग का गठन करके 31 मार्च तक जिलों का सर्वे कराके रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे।
प्रदेश सरकार ने 28 दिसंबर-2022 को हाईकोर्ट के रिटायर न्यायमूर्ति राम औतार सिंह की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय आयोग का गठन किया था। गठन के बाद आयोग ने प्रदेश के सभी 75 जिलों में जाकर पिछड़ों की आबादी का सर्वे कराने के साथ ही रैपिड सर्वे में दिखाए गए पिछड़ी जाति के आंकड़ों, पूर्व में शासन द्वारा जारी आरक्षण सूची, चक्रानुक्रम प्रक्रिया आदि का परीक्षण किया।
इस दौरान आयोग को स्थानीय प्रशासन द्वारा अपनाई गई चक्रानुक्रम प्रक्रिया और पिछड़ों के आंकड़ों में में कई तरह की खामियां भी मिली। आयोग ने खामियों को दूर करने का फार्मूला सुझाया है।
पिछले तीन दिनों से आयोग के स्तर पर रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा था।
बृहस्पतिवार को आयोग ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी। आयोग ने जिले में भ्रमण के दौरान चक्रानुक्रम आरक्षण और रैपिड सर्वे प्रक्रिया में मिली खामियों और उसे दूर करने के लिए सुझाए गए उपायों के बारे में भी मुख्यमंत्री को जानकारी दी।
इस मौके पर नगर विकास मंत्री एके शर्मा, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात व आयोग के सदस्य उपस्थित थे।