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सत्ता में मदमस्त दबंगों ने किया पत्रकार पर जानलेवा हमला पुलिस ने पत्रकार के ही खिलाफ लिख दिया मुकदमा
(युगाधार समाचार )
सीतापुर- खाता न बही, वर्दी जो करे, वहीं सही। यह कहावत सीतापुर जनपद के रेउसा थाने की पुलिस पर सटीक बैठती है। जो अपने निजी लाभ के चलते एक तरफा कार्रवाई करने को लेकर चर्चा में आ गई है। जहां पुलिस ने मारपीट के एक मामले में एक तरफा कार्रवाई की है। यह कार्रवाई पत्रकार प्रेम बाजपेई पर कर गई है।
रेउसा कस्बा निवासी प्रेम बाजपेयी एक हिंदी दैनिक अखबार में पत्रकार हैं। आरोप है कि प्रेम बाजपेयी बीते बुधवार को अपने पुत्र की दवा लेने बाइक से निकले थे।
इसी बीच तंबौर चौराहे पर बजरंग दल के संदीप अवस्थी ने कार से बाइक में टक्कर मारने की कोशिश की। जब पत्रकार प्रेम बाजपेयी ने विरोध किया, तो संदीप अवस्थी व उनके कई साथियों ने पत्रकार प्रेम बाजपेयी पर लाठी डंडों से हमला कर दिया। हालांकि इस मामले में दोनों पक्षों ने रेउसा थाने में
तहरीर दी है।
जबकि थानाध्यक्ष ने एक तरफा कार्रवाई करते हुए सिर्फ पत्रकार प्रेम बाजपेयी के खिलाफ ही केस दर्ज किया है। जबकि प्रेम बाजपेयी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस घटना को लेकर पत्रकारों ने रेउसा थाना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं।
उपजा के जिलाध्यक्ष महेंद्र अग्रवाल ने कहा कि एक तरफ योगी सरकार कह रही है, कि पत्रकारों का उत्पीड़न न हो। दूसरी तरफ पुलिस खुद ही अराजक तत्वों से मिलकर ऐसे काम कर रही है। जिससे सरकार की छवि धूमिल हो रही है। जब तहरीर दोनों पक्षों ने दी
थी, तब केस भी दोनों तरफ से दर्ज होना चाहिए था। हालांकि घटना को लेकर सीतापुर जिले के पत्रकारों में जबरदस्त रोष है।
उपजा संगठन ने जिला कार्यालय पर बैठक कर पुलिस उत्पीड़न के खिलाफ आंदोलन की रणनीति बनाई है।
जिले के वरिष्ठ पत्रकार राहुल मिश्रा, रविंद्र तिवारी, अनिल विश्वकर्मा, संदीप श्रीवास्तव, सुनील शर्मा, महेश कश्यप, संजय मिश्रा, अनुज सक्सेना, अमित शुक्ला बबलू, अवनीश मिश्रा आदि पत्रकारों ने पत्रकार पर हुए हमले की निंदा की है, वहीं रेउसा पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं।