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माँ बाप व शिक्षकों को बच्चों के प्रति संवेदनशीलता जरूरी: ममता मिश्रा
(युगाधार समाचार)
👉सविता स्मृति स्वरोज फाऊंडेशन का शिक्षक पालक विषय पर कार्यशाला का आयोजन
बिलासपुर, छत्तीसगढ़- सविता स्मृति स्वरोज फाउंडेशन, बिलासपुर द्वारा जीवन की समझ विषय पर शिक्षक पालक कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला सरकंडा बिलासपुर स्थित एबीएम पब्लिक स्कूल में वहाँ की प्राचार्य मोना चावडा के सहयोग से संपन्न हुई।
इस कार्यशाला में ममता मिश्रा जो कि मूक बधिर बच्चों की प्रशिक्षिका, संरक्षक और शहर की जानी मानी दिव्यांगों की समाज सेविका हैं। आपने अपने उद्बोधन में कहा कि मां बाप और शिक्षकों को बच्चों के प्रति बहुत ही संवेदनशील तरीके से और धीरज के साथ काम करने की जरूरत है। मां बाप और शिक्षकों को भी अपने बच्चों या छात्रों की तुलना दूसरे बच्चों से नहीं करना चाहिए। अपने बच्चों पर दबाव नहीं रखना चाहिए कि तुम्हें इंजीनियर या डॉक्टर ही बनना है। हमने तुम्हारे ऊपर इतना खर्च किया है तो तुम्हें मेरिट में आना ही होगा या यह बनना ही होगा। हमें बच्चों की क्षमता का भी आंकलन करना चाहिए कि वह कितना कर सकता है। शिक्षकों और मां बाप तीनों को आपस में सामंजस्य बनाकर रखना चाहिए।
डॉक्टर रश्मि बुधिया ने सविता प्रथमेश को याद करते हुए कहा कि उन्होंने अपने कम जीवन में भी इतने अच्छे काम किए कि आज हम उन्हें याद कर रहे हैं। डॉक्टर बुधिया ने कहा कि हमें अपने बच्चों को छात्रों को शिक्षा का मूल गुण विनयशीलता सिखाना चाहिए, क्योंकि “विद्या ददाति विनयं” यदि मैं एक डॉक्टर होकर अपने मरीजों से अपने कर्मचारियों से सम्मानपूर्वक सहानुभूति से बात नहीं कर पाऊं तो मेरी शिक्षा का क्या महत्व। यही जीवन के मूल्य हैं। डॉक्टर रश्मि बुधिया जो शहर की जानी मानी स्त्री रोग विशेषज्ञ, समाजसेवी, पशुप्रेमी और पर्यावरण सेवी भी हैं, ने उपस्थित श्रोताओं को रोगों से बचने के लिए कई प्रकार की वैक्सीन की जानकारी भी दी।
कार्यशाला में भाग लेने वाले सभी शिक्षकों एवं पालकों को संस्था की तरफ से प्रमाणपत्र अतिथि वक्ता ममता मिश्रा ने प्रदान किए। अतिथि वक्ताओं एवं प्राचार्य मोना चावडा का धन्यवाद संस्था के निदेशक प्रथमेशसविता ने पौधे देकर किया।
कार्यक्रम का संचालन अकांक्षा बाजपेयी ने किया एवं आभार प्रदर्शन निदेशक शिवा मिश्रा ने किया। उपस्थित अतिथियों में कविता पटवर्द्धन, निदेशक दिव्या बाजपेयी, महिमा दुबे, चंद्रप्रदीप बाजपेयी, हेमंत चावडा, समर्पण मिश्रा, हर्ष मिश्रा व हेमंत दुबे मुख्य थे।